अयोध्या में ऑनर किलिंग के दोषियों को मिली सजा:प्रेम-प्रसंग के चलते युवक को गला घोटकर मारा, गन्ने में शव छिपाया

अयोध्या में प्रेम प्रसंग के कारण हुई ऑनर किलिंग के मामले में कोर्ट ने तीन दोषियों को आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अपर जिला जज प्रथम शिवानी जायसवाल की अदालत ने यह फैसला बुधवार को सुनाया। प्रत्येक दोषी पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इस जुर्माने में से 30 हजार रुपये वादी को प्रतिकर के रूप में दिए जाएंगे। घटना 12 नवंबर 2016 की है। राजमन चौहान निवासी काजीपुर विस्वा थाना महाराजगंज ने 28 नवंबर 2016 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उनका बेटा नंदकुमार 12 नवंबर को दोपहर 9 बजे खेत से घर लौट रहा था। दासे सोखा ने उसे मोबाइल पर गाना सुनते हुए देखा था। इसके बाद नंदकुमार घर नहीं पहुंचा। काफी खोजबीन के बाद 14 नवंबर को गुमशुदगी दर्ज कराई गई। बाद में पुनवासी पूर्व के पास नाले के किनारे एक शर्ट मिली। यह शर्ट श्री चंद्र निषाद की बताई गई। घटना के दिन से ही श्री चंद निषाद, गुड्डू पासवान, हौसला पासवान और जय राम पासवान अपने घरों से गायब थे। जांच में पता चला कि इन चारों ने मिलकर नंदकुमार की हत्या की थी। उन्होंने लालचंद के खेत में मृतक की शर्ट से गला कसकर हत्या की। फिर शव को गन्ने के खेत में छिपा दिया। अभियुक्त श्रीचंद की निशानदेही पर नंदकुमार का कंकाल, उसके कपड़े, घड़ी, दो मोबाइल, चप्पल और कुदाल गवाहों के सामने बरामद किए गए। हत्या का कारण नंदकुमार का श्रीचंद की बहन से प्रेम संबंध था। कंकाल का डीएनए परीक्षण से पुष्टि हुई कि वह नंदकुमार का ही था। सभी बयानों और साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने तीनों को दोषी पाया। जय राम की पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड में विचाराधीन है।

Aug 7, 2025 - 11:11
 0
अयोध्या में ऑनर किलिंग के दोषियों को मिली सजा:प्रेम-प्रसंग के चलते युवक को गला घोटकर मारा, गन्ने में शव छिपाया
अयोध्या में प्रेम प्रसंग के कारण हुई ऑनर किलिंग के मामले में कोर्ट ने तीन दोषियों को आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अपर जिला जज प्रथम शिवानी जायसवाल की अदालत ने यह फैसला बुधवार को सुनाया। प्रत्येक दोषी पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इस जुर्माने में से 30 हजार रुपये वादी को प्रतिकर के रूप में दिए जाएंगे। घटना 12 नवंबर 2016 की है। राजमन चौहान निवासी काजीपुर विस्वा थाना महाराजगंज ने 28 नवंबर 2016 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उनका बेटा नंदकुमार 12 नवंबर को दोपहर 9 बजे खेत से घर लौट रहा था। दासे सोखा ने उसे मोबाइल पर गाना सुनते हुए देखा था। इसके बाद नंदकुमार घर नहीं पहुंचा। काफी खोजबीन के बाद 14 नवंबर को गुमशुदगी दर्ज कराई गई। बाद में पुनवासी पूर्व के पास नाले के किनारे एक शर्ट मिली। यह शर्ट श्री चंद्र निषाद की बताई गई। घटना के दिन से ही श्री चंद निषाद, गुड्डू पासवान, हौसला पासवान और जय राम पासवान अपने घरों से गायब थे। जांच में पता चला कि इन चारों ने मिलकर नंदकुमार की हत्या की थी। उन्होंने लालचंद के खेत में मृतक की शर्ट से गला कसकर हत्या की। फिर शव को गन्ने के खेत में छिपा दिया। अभियुक्त श्रीचंद की निशानदेही पर नंदकुमार का कंकाल, उसके कपड़े, घड़ी, दो मोबाइल, चप्पल और कुदाल गवाहों के सामने बरामद किए गए। हत्या का कारण नंदकुमार का श्रीचंद की बहन से प्रेम संबंध था। कंकाल का डीएनए परीक्षण से पुष्टि हुई कि वह नंदकुमार का ही था। सभी बयानों और साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने तीनों को दोषी पाया। जय राम की पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड में विचाराधीन है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow