सहारनपुर में मां शाकंभरी विश्वविद्यालय बारिश से जलमग्न:कुलपति को आवास से निकलने के लिए लेना पड़ा ट्रैक्टर का सहारा

सहारनपुर का मां शाकंभरी विश्वविद्यालय एक बार फिर बारिश के पानी में डूब गया है। कई दिनों से हो रही तेज बारिश के कारण कुलपति और कुलसचिव आवास के चारों तरफ पानी भर गया है। स्थिति इतनी विकट हो गई कि कुलपति प्रो. वाई. विमला को आवास से बाहर निकलने के लिए ट्रैक्टर का सहारा लेना पड़ा। बारिश के कारण परिसर में बने नवनिर्मित भवनों और सड़कों के आसपास जलभराव हो गया है। कुलपति और कुलसचिव के आवास के सामने घुटनों तक पानी भर गया है। इससे परिसर में आवाजाही पूरी तरह बाधित हो गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन पंपिंग सेट लगाकर जलनिकासी की कोशिश कर रहा है। लेकिन अभी तक स्थायी समाधान नहीं हो सका है। यह पहली बार नहीं है जब विश्वविद्यालय परिसर जलमग्न हुआ है। इससे पहले भी वर्ष 2023 और इसी वर्ष की शुरुआत में भारी बरसात के बाद कुलपति आवास के आसपास जलभराव हुआ था। तब भी अस्थायी उपाय कर पानी निकाला गया था। लेकिन प्रशासन ने इस समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। स्थानीय लोगों और विश्वविद्यालय कर्मियों में इस बात को लेकर नाराजगी है। करोड़ों रुपए की लागत से बना यह विश्वविद्यालय बारिश की कुछ बूंदों में ही बेबस नजर आता है। लगातार हो रहे जलभराव से निर्माणाधीन इमारतों और सड़कों को भी नुकसान पहुंचने की आशंका है। विकास कार्यों की गुणवत्ता और जल निकासी की व्यवस्थाओं पर सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक ड्रेनेज सिस्टम को सही तरीके से प्लान नहीं किया जाएगा, तब तक हर बारिश में यही हालात बनते रहेंगे।

Aug 7, 2025 - 11:12
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सहारनपुर में मां शाकंभरी विश्वविद्यालय बारिश से जलमग्न:कुलपति को आवास से निकलने के लिए लेना पड़ा ट्रैक्टर का सहारा
सहारनपुर का मां शाकंभरी विश्वविद्यालय एक बार फिर बारिश के पानी में डूब गया है। कई दिनों से हो रही तेज बारिश के कारण कुलपति और कुलसचिव आवास के चारों तरफ पानी भर गया है। स्थिति इतनी विकट हो गई कि कुलपति प्रो. वाई. विमला को आवास से बाहर निकलने के लिए ट्रैक्टर का सहारा लेना पड़ा। बारिश के कारण परिसर में बने नवनिर्मित भवनों और सड़कों के आसपास जलभराव हो गया है। कुलपति और कुलसचिव के आवास के सामने घुटनों तक पानी भर गया है। इससे परिसर में आवाजाही पूरी तरह बाधित हो गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन पंपिंग सेट लगाकर जलनिकासी की कोशिश कर रहा है। लेकिन अभी तक स्थायी समाधान नहीं हो सका है। यह पहली बार नहीं है जब विश्वविद्यालय परिसर जलमग्न हुआ है। इससे पहले भी वर्ष 2023 और इसी वर्ष की शुरुआत में भारी बरसात के बाद कुलपति आवास के आसपास जलभराव हुआ था। तब भी अस्थायी उपाय कर पानी निकाला गया था। लेकिन प्रशासन ने इस समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। स्थानीय लोगों और विश्वविद्यालय कर्मियों में इस बात को लेकर नाराजगी है। करोड़ों रुपए की लागत से बना यह विश्वविद्यालय बारिश की कुछ बूंदों में ही बेबस नजर आता है। लगातार हो रहे जलभराव से निर्माणाधीन इमारतों और सड़कों को भी नुकसान पहुंचने की आशंका है। विकास कार्यों की गुणवत्ता और जल निकासी की व्यवस्थाओं पर सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक ड्रेनेज सिस्टम को सही तरीके से प्लान नहीं किया जाएगा, तब तक हर बारिश में यही हालात बनते रहेंगे।

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