लखनऊ हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका खारिज की:कहा- अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब अपमान नहीं, सेना पर विवादित टिप्पणी की थी
लखनऊ हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका 29 मई को खारिज कर दी थी। इस मामले में बुधवार को फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की एकल पीठ ने कहा- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अर्थ किसी व्यक्ति या संस्था का अपमान करना नहीं है। मामला सेना पर कथित अपमानजनक टिप्पणी से जुड़ा है। परिवादी उदय शंकर श्रीवास्तव ने राहुल गांधी पर मुकदमा दायर किया था। उनका आरोप था कि न्याय यात्रा के दौरान राहुल ने सेना के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां कीं। राहुल ने कहा था कि चीनी सैनिक हमारे सैनिकों की पिटाई कर रहे हैं। धारा 500 के तहत मामला बनता है कोर्ट ने माना कि परिवादी के वाद पत्र और गवाहों के बयान से प्रथम दृष्टया आईपीसी की धारा 500 के तहत मामला बनता है। इसलिए मजिस्ट्रेट कोर्ट का विचारण के लिए तलब करने का आदेश सही है। कोर्ट ने दोनों दलीलें खारिज कर दीं राहुल गांधी की ओर से वकील प्रांशु अग्रवाल ने न्यायालय को बताया कि संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत सभी को अभिव्यक्ति की आजादी है। उन्होंने यह भी कहा कि धारा 500 के तहत मानहानि का मुकदमा सिर्फ पीड़ित व्यक्ति ही दायर कर सकता है। कोर्ट ने दोनों दलीलें खारिज कर दीं।

What's Your Reaction?






